“ग़ज़ल”
दिल ही दिल में दिल लगा कर देख ले,
दिल की ये दुनियाँ लुटा कर देख ले।
तू ज़ुबाँ का काम लेना आँख से,
बिन कहे ही सब बता कर देख ले।
प्यार से ही मिट सकेंगी नफ़रतें,
तू ज़रा सा मुस्कुरा कर देख ले।
घाव गहरा हो भले इक बार तू ,
प्यार का मरहम लगा कर देख ले।
लौ जो सच्ची है नहीं मिट पाएगी,
आँधियों में लौ जला कर देख ले।
पाँव में छाले पड़ें पड़ने भी दे,
राह में काँटे बिछा कर देख ले।
दहशतें बर्बादियाँ हैं हर तरफ़,
प्यार का तू गीत गा कर देख ले।
(डॉ.)शशि तिवारी