महाकवि तुलसीदास को नमन।🙏
मेरे कुछ दोहे….. तुलसी के श्रीचरणों में…..
तुलसी ने जग में किया,
कैसा अद्भुत काम ।
रामचरितमानस रचा,
घर-घर पहुँचे राम ।।
राम-चरित गाया सदा,
भक्ति करी निष्काम ।
जन-जन प्रिय तुलसी हुए,
तुलसी के प्रिय राम ।।
हृदय राम के हम बसें,
हृदय हमारे राम ।
तुलसी ने सम्भव किया,
दरश राम अभिराम ।।
भक्त बड़ा भगवान से,
स्वयं कहें यह राम ।
रामभक्त तुलसी तुम्हें,
मेरा कोटि प्रणाम ।।
प्रो.(डा.) शशि तिवारी