“करोना आपदा के इस बेढब समय में निस्वार्थ सामाजिक कार्यकर्ताओं के उत्साहवर्धन के लिए मेरा यह गीत…….”
ये कर्मवीर ये धर्मवीर,
इनको हम करें प्रणाम।
इनको हम करें प्रणाम।।
प्रेम और निस्वार्थ भाव से कर्तव्यों का पालन
जो करते हैं उनके माथे सदा लगाओ चन्दन
सेवा को ही धर्म समझते
होकर जो निष्काम।
इनको हम करें प्रणाम।।
औरों की सेवा में जिनका सदा लगा है ध्यान
उनके गर्मजोश का कोई हमें नहीं अनुमान
आओ इनका जोश बढ़ायें
ये हैं सुख के धाम।
इनको हम करें प्रणाम।।
भीषण बीमारी के रोगी की जो सेवा करते
उनकी इच्छाशक्ति बढ़ाते कोरोना से लड़ते
लम्बा युद्ध चलेगा फिर भी शुभ होगा परिणाम।
इनको हम करें प्रणाम।।
प्रो.(डॉ.)शशि तिवारी
अन्तर्राष्ट्रीय कवयित्री, साहित्यकार, समाजसेवी।