Dr Sashi Tiwary

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प्रो.(डाॅ.) शशि के बारे में जानें: उनके अनुभव, दृष्टिकोण और सामाजिक योगदान

आगरा के सामवेदी ब्राह्मण परिवार में जन्मी सुप्रसिद्ध अन्तरराष्ट्रीय कवयित्री,साहित्यकार, समाजसेवी, प्रोफ़ेसर (डाॅ.)शशि तिवारी को काव्य और संगीत विरासत में बाल्यकाल से ही मिला। उनकी शिक्षा-दीक्षा प्रारम्भ से लेकर एम.ए., पी-एच.डी., डी.लिट्. (संस्कृत) तक आगरा में ही हुई। 1971 से 2012 तक डाॅ. शशि तिवारी ने आगरा काॅलेज, आगरा की संस्कृत विभागाध्यक्ष के रूप में अध्यापन किया। आपको देश-विदेशों में अनेकानेक सम्मान, पुरस्कार आदि मिले। आपको भारत के राष्ट्रपति श्री ज्ञानी ज़ैल सिंह ने, भारत के प्रधानमन्त्री श्री राजीव गांधी ने सम्मानित किया। लन्दन के “भारत भवन” में आपको सम्मानित किया गया।भारत के विभिन्न प्रदेशों के राज्यपाल, अनेक विश्वविद्यालयों के कुलपति ने भी सम्मानित किया। उ.प्र.हिन्दी संस्थान, लखनऊ द्वारा आपको मुख्य मन्त्री श्री आदित्य नाथ योगी एवं विधान सभा अध्यक्ष श्री हृदयनारायण दीक्षित ने “साहित्यभूषण” की उपाधि से विभूषित किया। उ.प्र. के राज्यपाल श्री जगन्नाथ रेड्डी ने आपको “संस्कृत वाचस्पति” की उपाधि से सम्मानित किया।
अमेरिका में आपको “साहित्य गौरव”, कनाडा में “काव्य-चेतना”, माॅरीशस में राष्ट्रपति श्री अनिरुद्ध जगन्नाथ द्वारा “स्टेट हाउस सम्मान” व विश्व हिन्दी सम्मेलन में “हिन्दी सेवी सम्मान”, नेपाल के प्रधानमन्त्री, उपप्रधान मन्त्री द्वारा व नेपाल में भारत के राजदूत द्वारा विश्व हिन्दी सम्मेलन में साहित्य सम्मानों से सम्मानित  किया गया।

पुरस्कार

प्रो.(डाॅ.) शशि के प्राप्त पुरस्कार और सम्मान

समाज सेवी के रूप में प्रो.(डाॅ.) शशि तिवारी

समाजसेवा का जज़्बा आपको वंशानुक्रम से मिला। आपकी नानी स्व.चन्द्रकान्ता मिश्रा स्वतन्त्रतासेनानी होने के साथ-साथ समाजसेवी भी थीं ; वही गुण-स्वभाव प्रो.(डाॅ.)शशि जी की माँ श्रीमती कुन्ती तिवारी में भी आया है।
आपके दादाजी डाॅ. रामदास तिवारी, पिता डाॅ.ऐस.के.तिवारी, चाचा मेजर ऐच.के.तिवारी भी इस भावना से परिपूर्ण रहे।
परिवार के सब बड़ों से प्रेरणा प्राप्त कर आप भी परोपकारी सेवाभावना में रत रही हैं। आपने 2006 में कराची (पाकिस्तान) में आयोजित “वर्ल्ड सोशल फ़ोरम” में भी अपनी पार्श्वगायिका बेटी शिवरंजनी के साथ जाकर सक्रिय रूप से भाग लिया। इस फ़ोरम में भारत सहित विश्व के अनेक देशों की सहभागिता का प्रमुख उद्देश्य सामाजिक मूल्यों, सांस्कृतिक जीवन, एवं मानवता के कल्याण का उन्नयन था।
इसप्रकार के उद्देश्यों को लेकर आप भारत की भी अनेक समाजसेवी संस्थाओं के संचालन व सक्रियता से जुड़ी हुई हैं ; जैसे महिला शान्ति सेना, परिवार परामर्श केन्द्र, अ.भा.महिला परिषद्, शहीद स्मारक समिति, संस्कार भारती, श्रीनाथजी जल सेवा, स्व.जगनप्रसाद स्मृति प्याऊ, वृद्धजन सम्मान समिति, पौधारोपण समिति, संकल्प सेवा संस्था, गौसेवा समिति आदि।

 

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